1.6% रहेगी GDP ग्रोथ-Goldman Sachs

कोरोना का कहर भारत की अर्थव्यवस्था को भारी झटका देने जा रहा है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म गोल्डमैन सैक्श ने यह गंभीर चेतावनी दी है कि कोरोना के प्रकोप और लॉकडाउन की वजह से ​इस वित्त वर्ष यानी 2020—21 में देश के सकल घरेलू उत्पाद में बढ़त दर महज 1.6 फीसदी रह जाएगी.


कई दशकों पीछे हो जाएगी ग्रोथ रेट


इसका मतलब यह है कि आर्थिक तरक्की के ​लिहाज से देश कई दशक पीछे चला जाएगा. गोल्डमैन सैक्श ने अपने पहले के अनुमान में भारी कटौती की है. इसके पहले उसने अनुमान लगाया था कि भारत की अर्थव्यवस्था में इस वित्त वर्ष में 3.3 फीसदी की बढ़त होगी. कंपनी के अनुसार वर्ष 2020 में अमेरिका में -6.2 फीसदी की बढ़त होगी यानी वहां इतने की गिरावट आएगी.


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पिछले छह दशक की मंदी से भी कमजोर ग्रोथ


ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि यह बढ़त 70,80 और 2009 के दशक में देखी गई मंदी के दौर से भी कमजोर है. गौरतलब है कि भारत में गत 25 मार्च से पूरी तरह से लॉकडाउन है और इसकी वजह से समूचा कारोबार और उद्योग ठप पड़ा है.


कब आएगा सुधार


हालांकि, ब्रोकरेज फर्म ने यह भी कहा है कि इस वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था में अच्छा सुधार हो सकता है. गोल्डमैन सैक्श ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'हमें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक अपनी मौद्रिक नीति में नरमी जारी रखेगा और सिस्टम में नकदी डालने के उपाय भी करता रहेगा. हालांकि यदि अगले कुछ महीनों में देश—दुनिया में इस महामारी पर काबू पाने में सफलता नहीं मिली तो अर्थव्यवस्था की गति में सुधार और देरी से होगा.